Friday, September 12, 2008
आज बच्चा सोकर उठता है तो किताबों के साथ ,सोता है तो कल के टेस्ट के बारे में सोचते हुए ,और दिन बिताता है तो सिर्फ़ आई आई टी में एडमिसन के बारे में चर्चा करते हुए .ऐसा नही की उसका aim आई आई टी है ,बल्कि ५ साल की उम्र से उसके माँ बाप ने उसके दिमाग में ये बात डाल दी है की आई आई टी के बिना जीने से बेहतर है मर जाना.और उसे बताया जाता है की एक आई आई टी पास इंजिनियर को १० लाख मिलते हैं ,विदेश जाने का मौका मिलता है ,वगैरह -२.अब बच्चा आर्ट्स पढ़ना चाहता है,या पेंटिंग करना चाहता है ,या उसकी म्यूजिक में रूचि है ,कोई फर्क नही पड़ता ,उसे कोटा भेज दिया जाता है , दिल्ली भेज दिया जाता है और बार बार लगातार बस एक ही धुन आई.आई.टी। अब बच्चा टेंशन को अपना साथी बना लेता है ,अगर आई आई टी में नही हुआ ,तो डिप्रेशन ,अवसाद ,घुटन ...और फिर drugs ,शराब और कभी कभी सुसाईड ,इसका जिम्मेबार कौन ? माँ-बाप .आई आई टी के बाहर भी दुनिया है सफलता है ,लेकिन इन लोभी लालची माँ-बाप को कौन समझाए ?
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
S I-I /-\ I3 D.... I\I I R /-\ I\I T /-\ R
---i want to share my views
8 comments:
फॉन्ट कलर चैक कर लिजिये. सिर्फ हाईलाईट करने पर दिख रहा है, क्या सफेद चुन लिया है?
हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है. नियमित लेखन के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.
बहुत अच्छा लिखा है। स्वागत है आपका।
नए चिट्ठे का स्वागत है. निरंतरता बनाए रखें.खूब लिखें,अच्छा लिखें.
kaafi achcha likha hai aapne,par hum ye janana chahenge ki aap ye sab bas likhne ke lie likha hai ya aapne apno bachcho ko apne mutabik ki jindagi jeene ka mauka diya hai..
अभिभावक जो वह स्वयं नहीं कर पाया अक्सर वह अपने बच्चों से करवाना चाहता हैं और यही भाव बच्चे की मौलिकता का कत्ल कर देते है। आज हम भी अभिभावक हैं। और अपना सुधार करना ही संसार की सबसे बडी सेवा है।
log apni ichchhaye apne bachcho se poori karbana chahte hai, aksar isi k dushparinaam deekhne ko milte hai.
श्रेष्ठ कार्य किये हैं.
आप ने ब्लॉग ke maarfat जो बीडा उठाया है,निश्चित ही सराहनीय है.
कभी समय मिले तो हमारे भी दिन-रात आकर देख लें:
http://shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com/
http://hamzabaan.blogspot.com/
http://saajha-sarokaar.blogspot.com/
ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है बधाई कृपया मेरे ब्लॉग पर पधारें
Post a Comment