Sunday, September 28, 2008

नवरात्र या दुर्गा पूजा

कल से नवरात्र शुरू हो रहा है .कहीं माँ दुर्गा की आराधना ,कहीं डांडिया,कहीं रामलीला.विविधताओं के इस देश में पर्व मनाए के तरीके अलग अलग हैं लेकिन भावना वही है --श्रद्धा ,भक्ति,उमंग,प्यार,तप और त्याग.दुर्गा पूजा असत्य पर सत्य के विजय का पर्व है .रावन वध और माँ दुर्गा के हाथों दैत्यों का संहार प्रतीक है अधर्म पर धर्म के विजय का.हम माँ दुर्गा की प्रतिमाएँ स्थापित करते हैं उन्हें सजाते हैं ,पूजते हैं ,फिर विजय दशमी के दिन उनका विसर्जन कर देते हैं .माँ हमारे घर नौ दिन विराजती हैं .और हम इन नौ दिनों को त्यौहार के रूप में मनाते हैं .नए वस्त्र,पकवान ,मेले,.......लेकिन आज भय और आतंक के इस माहौल में क्या हम डरे सहमे से नही हैं ? ये रोज रोज की आतंकवादी घटनाएँ हमारे उत्साह पर ग्रहण लगा रही हैं ,मेलों में जाने में डर लग रहा है ,बाहर रह रहे परिवार के सदस्यों की सुरक्षा की चिंता में हम त्यौहार की खुशी मन नही पा रहे हैं बाढ़ पीडितों ,बम ब्लास्ट में हताहत ,जातीय धार्मिक दंगों में मारे गए लोगों के परिवार पर क्या बीतेगी ?हम माँ दुर्गा का अहवान करें की माँ फिर चंडी का रूप धारण कर इन पापियों का संहार करो और पीड़ित परिवारों को आशीष दो की वे फिर से अपने पैरों पर खड़े होकर तुम्हारी आराधना कर सकें .

1 comment:

Blessed Soul said...

maut ka rahasya swyam brahma,vishnu Mahesh hi jante honge.Log kyun kab aur kaise marte hain,kyun bekasoor logo ki jaan jati hai in Bomb Blast etc me.Kaise ye Paapi log itne shaktishaali ho pate hai...

S I-I /-\ I3 D.... I\I I R /-\ I\I T /-\ R

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